जागो, उठो, सामना करो
यूं बूत बने बैठे ना रहो
चंद लोगों के ही हाथ में कमान है
उनके राज़ में हर कोई परेशान है
भविष्य की अपनी कमान, अपने हाथ में तो करो
जागो, उठो, सामना करो
यूं बूत बने बैठे ना रहो
अमीर की अमीरी और गरीब की गरीबी, दोनों का ही विस्तार है
और संसद में बैठा नेता इस सब के लिए जिम्मेदार है,
अपने आने वाले कल की फिक्र तो करो
जागो, उठो, सामना करो
यूं बूत बने बैठे ना रहो
आयो उतरे सड़कों पर, और मांगे हक हकीक़त में
एक और भी सांस ना लेना, दुश्वार हुई इस दिक्कत में
बदलाव का अब तुम साथियों, इंतजार ना करो
जागो, उठो, सामना करो
यूं बूत बने बैठे ना रहो