इतना तो कह दे प्यारे
की किस बात की कमी है
की किस बात की कमी है
मुड़ के देख ज़माना
हर आंख में नमी है
पाना है बहुत मुश्किल
मुकम्मल जहान प्यारे
देखों ज़रा, औरों के हाथों से
हाथ भरे है तुम्हारे।