अजीब बात है के तुम नहीं आए
तुम्हारी खुशबु फिर भी महकती है
तुम्हारी खुशबु फिर भी महकती है
तुम सामने नहीं हो हमारे
फिर भी नज़र बहकती है
कैसा जादू यह तुमने, नज़रों ही नज़रों में डाला है
लोग कहते है मुझे की मैंने, दर्दे दिल का रोग पाला है।