आगे क्या करना है, आगे क्या होना है
कुछ पता नही
पता है तो बस इतना, की जीना है
क्यों और कैसे, अभी उसकी भी कोई ख़बर नहीं
मरना जब विकल्प ही नहीं है
तब तो जीना ही होगा
क्या करू ऐसा की जिंदगी सार्थक लगे
सिर्फ़ खाना कमाना तो इसका अर्थ नहीं हो सकता
कहां ढूंढू मैं इसका मतलब, किससे पूछ के आऊ
चलूं पुराने रास्तों पर या कोई नई डगर बनाऊं
किससे पूछ के आऊ
Category: Poems
बाज़ी लगा
बाज़ी लगा, शेर बन जा
क्यों बेकार डर रहा है
क्या तु ड्रामा कर रहा है
उठ शेर बन जा, ज़रा बाज़ी लगा
बाज़ी लगा, शेर बन जा
हर ओप्पोरचुनिटी को यारा
डिफिकल्ट कह कह के टाला
अब होश से, ज़रा जोश से
इसमें तु लग जा
बाज़ी लगा, शेर बन जा
गर इतना डरोगे यारा
तो लोग भी ना देंगे सहारा
हिम्मत से हिम्मत बढ़ती है
तु सोच तेरे पीछे बिल गेट्स खड़ा
बाज़ी लगा, शेर बन जा
जब होंगे इरादे पक्के
छुड़ा देगा तु सबके छक्के
अरे बॉल से डरता है क्यों
उसको तु तो बल्ला दिखा
बाज़ी लगा, शेर बन जा
लोग देखे हक्के बक्के
जब इसने लगाए छक्के
अब होंसला इसका ऐसा है
लोग पूछते है कि राज़ है क्या
बाज़ी लगा, शेर बन जा