उस की आँखों ने दिखाया की मैंने पी है
शायद मैंने पी है
इस पल में इतना मज़ा है के साकी
की सारी ज़िन्दगी इसके आगे फिक्की है
शायद मैंने पी है
यह नशा जाम-ए-शराब का नहीं, मेरे मेहबूब की मोहब्बत का है
जिसने एक नज़र में ज़िन्दगी जवाँ कर दी है
शायद मैंने पी है
अब नशा उसके दीदार का ऐसा है मूझे
लगता है की सारी दुनिया मैंने मुठी में की है
शायद मैंने पी है