मां

जिस मां के है बच्चे हम सब
उसको तुमने धुतकारा था
उस मां के दिल से पूछो
की कैसे उसने उन शब्दों को सहारा था

ख़ुद गिले में सो कर
तुमको सूखे में सुलाया था
क्या भूल गए उस कर्ज़ को
जो आज तक ना चुकाया था

कितने सपने उसने सजाए थे
एक महल सपनो का बनाया था
अब उसके सारे सपने टूट गए
जब मां से ही बच्चे रूठ गए

मां के दिल का क्या था हाल
शब्द ना कर पाएंगे उसका व्याखान

उस लड़के के दोस्त ने उसे समझाया था
की जा कर पूछो उन बच्चों से
जिन्होंने जीवन में मां का प्यार ना पाया था

जब बचपन कि याद आई
दिल के तार खनक उठे
की किस तरह मुझको पाला था
मुझ गिरते को संभाला था

अब मां का मोल वोह समझ गया
पर नज़रों से अपनी ही गिर गया

सोचा कि अब मां के सामने कैसे जयुंगा
किस तरह मुंह दिखाऊंगा

होंसला कर के मां के सामने गया वोह जब
मां के आंसू निकले तब

बेटे को गले से लगाया था
पुराना सब भुलाया था।

मैं मरना नहीं चाहता


मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

माना कि पथ कांटो से भरा है
दुख ही दुख है और सुख ज़रा है
पर फिर भी मुझे प्यारा यह सफ़र है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

कांटो की चुभन फूलों की चाहत बढ़ाए
और उठते कदम थोड़ा आगे लेजाएं
चलना है मुझे चाहे मुश्किल यह डगर है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

और बढ़ने को आगे कोई थकान नहीं है
माना कि चहरे पर अभी मुस्कान नहीं है
ख़ोज रहा हूं कि खुशी किधर है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

हालांकि मेरे लिए खुशी इतनी जरूरी नहीं है
कट रही है, हालत इतनी बुरी नहीं है
मुझे अपनी नहीं अपनों की फिकर है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

पर जाना तो होगा यहां कौन रहा है
बेमतलबी है ज़िन्दगी, हज़ारों ने कहां है
और हर इलाज़ इसके आगे बेअसर है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

मुश्किल बड़ा है पर सच यही है
जाना ही होगा वोह सुनती नहीं है
मौत के सामने चलती ना अगर मगर है

मैं मरना नहीं चाहता, मुझे मौत का डर है

मन को संभालो यह दे के दिलासा
की चाहे वक़्त मिला है हमें ज़रा सा
पर ना होने से, तो होना बेहतर है

तो अब कभी भी आए
मुझे मौत का क्या डर है

12.11.2013