कांटो में भी है हरियाली
दुख में भी है खुशहाली
बस देखो ज़रा
दुख में भी है खुशहाली
बस देखो ज़रा
माना दुख बना सुल है
पर पतझड़ में भी तो फूल है
बस देखो ज़रा
दुख की रात है अंधियारी
पर तारों में तो है चिंगारी
बस देखो ज़रा
रात में भी प्रकाश ही प्रकाश है
चन्दा की रोशनी से मद मस्त हुआ आकाश है
बस देखो ज़रा।