शहर की आबादी

मेरे शहर की आबादी बड़ गई है
सड़को पे लोगो की आवाजाही बड़ गई है

सड़के, दुकानें, गालियां और घर
सब भीड़ से भर गए है

छोटे छोटे मकानों में कबूतरों की तरह रहने लगे है लोग
बड़े मकान में रहने के जो थे सपने, वोह जेहन से उतर गए है

पहले दो तीयाही जी कर और एक तियाही ज़िन्दगी सो कर गुजरती थी
अब एक तियाहि से ज्यादा तोह सड़क पे गुजर जाती है, जीने और सोने का तोह पूछो ही मत

सड़क को ही अब मैं अपना घर मानता हूं
उससे घर पर ना होने कि तकलीफ कम है

क्यूंकि इतने लोग होने के बावजूद भी, जितने फासले दिलो के है
उनसे तोह अभी सड़को के फासले कम है।।

नाकामयाबीयां

मेरी नाकामयाबीयां बस मेरी ही है
मैं ही हूं जो की हंसता रहा, मुस्कुराता रहा
यह कह के, की अभी तो वक्त बहुत बाकी है

जो भी यह बिखरी चीजे है, यह सब मेरी है
मैं ही था जो बेपरवाह होकर इनको गिरता गया
यह सोच के, की अभी तो वक्त बहुत बाकी है

मैं अपने आप को कहता रहा की संभलना क्यों है
थोड़ी देर और इसी नशे में रहने दो खुद को
क्योंकि अभी तो वक्त बहुत बाकी है

मुझे सच में यकीन था कि बहुत वक्त है पास मेरे
उन कीमती पलो के सिक्के को मैं लुटाता गया
यह सोच के, की अभी तो वक्त बहुत बाकी है

आज मेरे हाथों मैं वक्त की लकीरे हैं और कुछ भी नही
सब आगे बड़ गए, मेरे पास खड़ा कोई भी नहीं
अब लगता है की निकल गया सारा वक्त, कहां बचा कुछ बाकी है

मेरी नाकामयाबीयां बस मेरी ही है
मैं ही हूं जो की हंसता रहा, मुस्कुराता रहा
यह कह के, की अभी तो वक्त बहुत बाकी है