शुभ लाभ ही होगा

तुम्हारे पहले क़दमों का स्वागत है
शुभ लाभ ही होगा

तुम्हारे आने पर सारा ब्रह्माण्ड पुष्प वर्षा कर रहा है
मेरा भंडार ख़ुद कुबेर आकर भर रहा है

जब इतना सुन्दर आगाज़ है तो अंजाम कैसा होगा
शुभ लाभ ही होगा

दगाबाज़ी

तुम्हें तो शायद लोगों ने
मगर हमें तो उस ख़ुदा ने ठगा है
चोरों से बचना तो आसान है मगर
उससे बच सके ऐसी कौन जगह है

बड़े आराम से हमतो
जीवन की नींद में मस्त थे
अपने लिए ही जीते थे हमतो
चाहे औरों के लिए मतलब परस्त थे

इक दिन इसी आराम के माहौल से हमें
पकड़ कर ले गए इसके सिपाही
ना था कोई वकील, ना था कोई गवाह
और ना ही हुई कोई सुनवाही

कह दिया कि तुम मुज़रिम हो
और यह है सजा़ तुम्हारी
यह कैसा इंसाफ है इनका
किसी ने बात भी नहीं सुनी हमारी