बेमतलबी पन्नों पर, बेमतलबी शब्दों की कतारों का नाम ज़िन्दगी है
मैं को बचाने के लिए, खड़ी करी दीवारों का नाम ज़िन्दगी है
असल क्या है, यह तोह नहीं पता ऐ विशाल
पर लगता है, कि इकठ्ठे किए हुए विचारों का नाम ज़िन्दगी है।
Where the path to Nirvana is shared
यह ज़िन्दगी कुछ भी नहीं, कुछ लम्हों की खेरात है
अपना पराया क्या यहां, कुछ भी ना जाना साथ है
हर सांस में इक आस है, कितना तुम्हे भटकाएगी
मन की दबी सी आवाज़ है, वोह क्या तुम्हे समझाएगी
सबल करो इस मन को तुम, तृष्णा को पहले त्याग दो
भीतर के उठते वेग को, प्रज्ञा से तुम निकाल दो
बहादो वोह सब कल्पना, जीवन में जिससे भार है
समता में खुद को स्थिर करो, समता ही जीवन सार है।
30/05/2014