ना जा चन्ना

वे ना जा चन्ना तू परदेस हा
वे अपने वरगा ना कोई देस हा
वे मेरी मां ने वाजा मैनू सी मारिया
वे रोंदी रई सी वेख की पुत मेरा जा रिहा
पर मेरी ता मत मर सी चुकी
दिल दी एह ख्वाहिश ना रुकी
ते मैं परदेस आ गया

हुण एथे बुरबुर रोना है
वे जागदा ना सोना है
वे अपने याद बड़ा आऊंदे ने
फेर मन दिल बड़ा पछतौंदे ने
की मैं क्यों परदेस आ गया

मैनु कोई घर पहुंचा दवो
मेरे घर दा रास्ता दिखा दवो
वे वाज़ा हुण मैं मारा वे
वे ज़िन्दगी हुण हारा वे
ते दिल विच हुण मैं सोचदा
की मैं क्यों परदेस आ गया

ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी तु इतनी हसीन कब थी, जितनी अब है
कुछ भी नहीं बचा मेरे पास, पर लगता है कि सब है

तेरी अदायों का मोल, मैंने अब जाना
मैं कौन था और क्या हूं, खुद को पहचाना

समय अब मुझे डराता नहीं है
चंद घड़ियां ही बची है, यह कह के सताता नहीं है

असल आज़ादी मैंने अब महसूस की है
जो कभी ना उतरे वोह शराब आज पी है

अब इस खुमारी में मुझे जी लेने दो यारों
यहां गम का कतरा भी नहीं है, बस खुशियां है हज़ारों

मैं आज़ाद हूं, और गवाह मेरे रब है
ऐ ज़िन्दगी तु इतनी हसीन कब थी, जितनी अब है।