तेरे मिलने की उम्मीद

तेरे मिलने की उम्मीद से, दिल में सकून है
सब फीका है अब तो, तुझे मिलने का जुनून है

तेरे दीदार की चाहत का असर कुछ ऐसा है
की ज़िन्दगी ने सांसों कि मोहताजगी छोड़ दी है

हर घड़ी जो तेरी याद रहे, वही दौलत-ए-ज़िन्दगी है
चंद सिक्को के खातिर जो करते थे, वोह चाकरी छोड़ दी है

तुझसे मिलने की आरज़ू में, कटता है अब वक़्त मेरा
ख़ुदा की जो करते थे, वोह बंदगी छोड़ दी है।

बस देखो ज़रा

कांटो में भी है हरियाली
दुख में भी है खुशहाली
बस देखो ज़रा

माना दुख बना सुल है
पर पतझड़ में भी तो फूल है
बस देखो ज़रा

दुख की रात है अंधियारी
पर तारों में तो है चिंगारी
बस देखो ज़रा

रात में भी प्रकाश ही प्रकाश है
चन्दा की रोशनी से मद मस्त हुआ आकाश है
बस देखो ज़रा।