मां थक गया चलते चलते

मां थक गया चलते चलते
मैं इन पथराई हुई सी रहो में

थामो अब मुझको बाहों में

उस गोद का सहारा दो
जिस गोद में हम खेले है

दिल से लगा को बेटे को
अरसे से हम अकेले है

अब आंसू भी है सूख चुके
तेरी यादों में बहते बहते

पत्थर से मां हम बन है गए
तेरे बिन कहीं और रहते रहते

इस पत्थर को कोमल कर दो
मां तुम अपने दुलार से

मां छू दो तुम मेरे दिल को
भर जाए जीवन प्यार से

मां जल्दी करो, ना देर करो
दम निकल ना जाए इन्हीं आहों में

थामो अब मुझको बाहों में

थामो अब मुझको बाहों में

दिल का हाल

है दिल का यह हाल, कहां से शुरू करूं

टाले टाला ना गया
तुमसे मिलने का मन

जाले में फंस ही गया
तड़पे मेरा यह तन

इक झलक तेरी सूरत की
देखने को मैं तरसा बड़ा

आंखों को रोका था बहुत
पर पानी बरसा बड़ा

कब होगी मुलाकात
कब होगी तू रूबरू

है दिल का यह हाल, कहां से शुरू करूं

चंदा की चांदनी
अब जलाती है मुझे

रात की खामोशी
बिरह गीत सुनाती है मुझे

दिन भी वैसा ही है
जैसी रात है

कैसे जीतेंगे तुझे हम
किस्मत ने ही दी मात है

तुझसे मिलने के लिए
और क्या यत्न करू

है दिल का यह हाल, कहां से शुरू करूं