तुम से बात कर के दिल को एक तसल्ली सी हो जाती है,
की इस पूरी दुनिया में, मेरा भी कोई दोस्त है।
कोई है जिससे जब चाहो तब बात कर लो,
वरना दुनिया में कोई किसी को कहां सुनता है।
आजकल तुमने भी मेरा फोन उठाना बंद कर रखा है,
ख़ुदा करे की किसी परेशानी में ना हो तुम।
तुम ना आयो वोह तो चल जायेगा,
पर तुम्हे कुछ हो जाए, यह हमें ग्वारा नहीं।
ना जाने कौन सा काम करने लगे हो तुम,
जिसमें सांस तक लेने की फुरसत नहीं।
पैसा जरूरी है जिंदगी के चिरागों को रोशन रखने के लिए, पर उसी में लगे रहो, तुम्हे इतनी भी गुरबत नहीं।
मेरा तो चंद सालो का ही खेल बाकी है,
उसके बाद तो रूकसत हो जाना है।
कुछ यादें बटोरना चाहता हूं अपने सफर के लिए,
मुझे मरने के बाद भी मुस्कुराना है।
इसी लिए दरख़्वास्त है मेरी की मेरे दोस्त,
तुम मुझे बार बार आकर मिलते रहो।
मुझे किसी दिन तुम फोन करो,
की तुम मेरे घर के बाहर हो, ऐसा कहो।
मुझे बार बार आकर मिलते रहो।।