गमो की लहर दारू तोड़ सकती है
टूटे दिलो के तार दारू जोड़ सकती है
दरिया को हाथो से ही मोड़ सकती है
दुश्मनो के इरादों को यह झंझोड़ सकती है
टूटे हुए रिश्तों को भी यह जोड़ सकती है
आते हुए तूफानों का रुख मोड़ सकती है
मन की आंखो को यह खोल सकती है
ध्यान से सुनो बोतल बोल सकती है
क्या नही कर सकती दारू
कोई पूछे
तो कहूं
इंसान में इंसानियत डाल सकती है
हया, डर, भरम निकाल सकती है
और जो पूछो
तो बताऊं मैं तुम्हें
की कैसे इंसान को फरिश्ता बना सकती है
मज़बूत हर रिश्ता यह बना सकती है
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ऐ ज़िन्दगी
ऐ ज़िन्दगी तु इतनी हसीन कब थी, जितनी अब है
कुछ भी नहीं बचा मेरे पास, पर लगता है कि सब है
कुछ भी नहीं बचा मेरे पास, पर लगता है कि सब है
तेरी अदायों का मोल, मैंने अब जाना
मैं कौन था और क्या हूं, खुद को पहचाना
समय अब मुझे डराता नहीं है
चंद घड़ियां ही बची है, यह कह के सताता नहीं है
असल आज़ादी मैंने अब महसूस की है
जो कभी ना उतरे वोह शराब आज पी है
अब इस खुमारी में मुझे जी लेने दो यारों
यहां गम का कतरा भी नहीं है, बस खुशियां है हज़ारों
मैं आज़ाद हूं, और गवाह मेरे रब है
ऐ ज़िन्दगी तु इतनी हसीन कब थी, जितनी अब है।