यह भी नहीं पता ऐ विशाल
की मैं कौन हुं
की मैं कौन हुं
जो कल था वोह मैं हुं
या जो आज है वोह मैं हुं
जब मैं ही नहीं मिलता
तो फिर
मैं कोन हुं, मैं क्या हूं।

