अकेले जन्म लिया है
और अकेले ही मारना होगा
और अकेले ही मारना होगा
कोई नहीं कर सकता
तुम्हें अपना उद्धार, ख़ुद ही करना होगा
कड़ी मेहनत और निरंतर पुर्षार्थ की जरूरत है
ख़ुद को ही ख़ुद में ढूंढ़ना है, तुझ में ही उसकी मूरत है।
13.02.2013