हसरतें कुछ और भी है
अभी मुझे जाने को ना कहो
अभी मुझे जाने को ना कहो
उफान चड़ा है इस दिल में
अभी संभल जाने को ना कहो।
Where the path to Nirvana is shared
वोह नादान है, नापाक है
घरों में पलते सांप है
मुर्शद मुरीद की मौत पर
कहते की मिलती हूर है
वोह मक़सद-ए-मगरूर है
अल्लाह से कितना दूर है
इंसाफ कर, हिसाब कर
इंसाफ कर, मौला आज कर
यह कयामत का क्या दस्तूर है
वोह मक़सद-ए-मगरूर है
अल्लाह से कितना दूर है
मौला ज़िन्दगी, पर सकून नहीं
मौला मस्जिदें, पर तु नहीं
यह कैसी अंधेरी रात है
जो हर इंसान नशे में चूर है
वोह मक़सद-ए-मगरूर है
अल्लाह से कितना दूर है