Vishal Gupta मंजिल आज गुनगुनाने को जी चाहता है मस्ती में झूम जाने को जी चाहता है मंजिल की तरफ़ तो बहुत चल दिए हम आज बस यूंही चले जाने को जी चाहता है। 3975 thumb_up thumb_down 0
Vishal Gupta शुभ लाभ ही होगा तुम्हारे पहले क़दमों का स्वागत है शुभ लाभ ही होगा तुम्हारे आने पर सारा ब्रह्माण्ड पुष्प वर्षा कर रहा है मेरा भंडार ख़ुद कुबेर आकर भर रहा है जब इतना सुन्दर आगाज़ है तो अंजाम कैसा होगा शुभ लाभ ही होगा 4010 thumb_up thumb_down 0