याद रखना

मेरी मजबूरी का फायदा ना उठायो, ऐ दुनिया वालों
मुझ अकेले को कमज़ोर जान, ना दबाओ ऐ दुनिया वालों

मेरा रब मेरे साथ मोजूद है
उसे शांत रहने दो, उसे गुस्सा ना दिलायो ऐ दुनिया वालों

गर वोह उठा, तो कयामत ने भी ऐसी कयामत देखी ना होगी
जैसी कयामत लाएगा वोह

देगा वोह तुम्हे तुम्हारे गुनाहों की सज़ा
सदियों दोजक में जलाएगा वोह

हर मज़लूम के साथ वोह है, यह याद रखना
गर सताया किसी मजबूर को, तो तुम्हारा हश्र क्या होगा, यह याद रखना

मेरी मजबूरी मेरे पिछले गुनाहों कि सज़ा है
गर तुमने भी किए गुनाह, तो हाल तुम्हारा क्या होगा, यह याद रखना।

बस देखो ज़रा

कांटो में भी है हरियाली
दुख में भी है खुशहाली
बस देखो ज़रा

माना दुख बना सुल है
पर पतझड़ में भी तो फूल है
बस देखो ज़रा

दुख की रात है अंधियारी
पर तारों में तो है चिंगारी
बस देखो ज़रा

रात में भी प्रकाश ही प्रकाश है
चन्दा की रोशनी से मद मस्त हुआ आकाश है
बस देखो ज़रा।